Thursday, February 10, 2011

एक नयी सुबह की तलाश!






एक नयी सुबह की तलाश में, मैं (इग्नू ऑन कैम्पस 
विधार्थी समाज) फिर से चला हूँ इस उमंग और 
उत्साह से की इस बार तो उस कारवें को हाशिल 
करूँगा जिस के लिए इस प्रागन मैं मैं आया था और 
यहाँ के विधार्थियों द्वारा मेरी रचना की गयी! मुझे मालूम है, यह इतना सुगम नहीं है जितना पर्तित होता 

है परन्तु फिर भी मैं अपने रचेताओ के सहयोग और नए पीढ़ी के जोश से इस कार्य को किर्यान्वित करूँगा! 

क्योंकि एक नयी सुबह की तलाश में, मैं फिर से चला हूँ इस उमंग और उत्साह से की इस बार तो उस कारवें 
को हाशिल करूँगा जिस के लिए इस प्रागन में, मैं आया था! 

धन्यवाद्

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